
गर्मियों में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए या नहीं? एक्सपर्ट से समझें
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गर्मियों का मौसम आते ही शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे जरूरी हो जाता है। डिहाइड्रेशन, थकावट और गर्मी से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना अनिवार्य है। लेकिन क्या सिर्फ पानी पीना ही काफी है, या जिस बर्तन में पानी रखा जाता है, उसका भी कोई असर होता है?
आयुर्वेदिक परंपराओं में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। लेकिन आधुनिक दौर में यह सवाल उठता है कि क्या यह आदत आज भी उतनी ही उपयोगी है, खासकर गर्मियों के मौसम में? आइए जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की राय और इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण।
तांबे के बर्तन का आयुर्वेदिक महत्व / Ayurvedic Importance OF Copper Vessel
आयुर्वेद के अनुसार तांबा एक ऐसा धातु है जो शरीर के तीनों दोषों – वात, पित्त और कफ – को संतुलित करने में मदद करता है। इसे “तम्र जल” कहा जाता है, यानी तांबे में रखा हुआ पानी। ऐसा माना जाता है कि तांबे के बर्तन में रखा गया पानी जब कुछ घंटे तक ठहरता है, तो वह जल शरीर को डिटॉक्स करने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।
गर्मियों में तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे / Benefits OF Drinking Water In Copper Vessel In Summer
1. डिटॉक्स करता है शरीर को
तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। गर्मियों में जब शरीर अधिक पसीना छोड़ता है, तब यह प्रक्रिया और भी जरूरी हो जाती है।
2. इम्यूनिटी बढ़ाता है
तांबे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। गर्मी के मौसम में पेट के इंफेक्शन आम होते हैं, जिनसे बचने में यह सहायक होता है।
3. पाचन क्रिया में सुधार
गर्मियों में अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं। तांबे का पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और एसिडिटी या गैस की परेशानी कम होती है।
4. त्वचा को बनाए सुंदर और चमकदार
तांबे का पानी त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत करता है, जिससे त्वचा स्वस्थ, हाइड्रेटेड और चमकदार बनती है। गर्मियों में त्वचा अधिक डिहाइड्रेट हो जाती है, जिससे ये लाभ और महत्वपूर्ण हो जाता है।
5. मोटापा घटाने में सहायक
तांबे का पानी शरीर की फैट ब्रेकडाउन प्रोसेस को एक्टिव करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?
आधुनिक विज्ञान भी तांबे के कुछ फायदों को स्वीकार करता है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, शरीर को प्रतिदिन 1-2 मिलीग्राम तांबा चाहिए। तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर की इस जरूरत को पूरा कर सकता है।
कई रिसर्च यह साबित कर चुकी हैं कि तांबा एक शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबियल तत्व है, जो पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है। यह विशेष रूप से गर्मियों में फायदेमंद होता है, जब पानी से होने वाले संक्रमण तेजी से फैलते हैं।
कैसे करें तांबे के बर्तन का सही उपयोग?
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रातभर रखें पानी:
तांबे के बर्तन में पानी भरकर रातभर रखें (लगभग 6-8 घंटे)। सुबह उठकर खाली पेट पीना सबसे अच्छा होता है। -
बर्तन को साफ रखें:
तांबे के बर्तन को नियमित रूप से साफ करना जरूरी है। टमाटर, नींबू या इमली जैसी अम्लीय चीजों से इसे साफ किया जा सकता है, जिससे यह चमकता भी रहेगा और सुरक्षित भी रहेगा। -
फ्रिज में न रखें:
तांबे के बर्तन को फ्रिज में न रखें। ठंडा पानी और तांबे का मिश्रण शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
गर्मियों में कब न पिएं तांबे का पानी?
हालांकि तांबे का पानी स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
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अत्यधिक सेवन से बचें:
दिन में 1-2 बार ही पिएं। ज्यादा तांबा शरीर में जमा हो जाए तो यह टॉक्सिक हो सकता है। -
किडनी या लिवर रोगियों को परहेज:
जिन लोगों को लिवर या किडनी संबंधी बीमारियां हैं, उन्हें तांबे का पानी पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। -
बच्चों को सीमित मात्रा में दें:
बच्चों को भी जरूरत से ज्यादा तांबे का पानी नहीं देना चाहिए।
निष्कर्ष: क्या गर्मियों में तांबे के बर्तन का पानी पीना चाहिए?
हां, लेकिन संतुलन और सावधानी के साथ। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों इस बात पर सहमत हैं कि तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है – खासकर गर्मियों के मौसम में। यह न केवल हाइड्रेट करता है, बल्कि पाचन सुधारने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।
लेकिन याद रहे – किसी भी चीज़ की अति हानिकारक हो सकती है। इसलिए तांबे का पानी सीमित मात्रा में, सही तरीके से और साफ-सुथरे बर्तन से ही पिएं।