त्वचा की असली रौनक लौटाए – कुमकुमादि तैलम का जादू

त्वचा की असली रौनक लौटाए – कुमकुमादि तैलम का जादू

By Dr Natasha Sharma | June 30, 2025

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    जब बात चेहरे की प्राकृतिक चमक और निखार की आती है, तो आयुर्वेद में एक नाम सबसे पहले लिया जाता है — कुमकुमादि तैलम। यह एक ऐसा प्राचीन आयुर्वेदिक तेल है, जिसे त्वचा की देखभाल के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में यह तेल एक चमत्कारी औषधि के रूप में माना गया है, जो त्वचा की समस्याओं का समाधान देने के साथ-साथ उसे अंदर से पोषण भी देता है।

    कुमकुमादि तैलम क्या है?

    कुमकुमादि तैलम एक हर्बल फेस ऑयल है, जिसे केसर (कुमकुम), चंदन, मंजिष्ठा, हरिद्रा, पद्मक, और कई अन्य शक्तिशाली औषधीय जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। इसका आधार तेल आमतौर पर तिल का होता है, जिसे इन सभी औषधियों के साथ पकाकर तैयार किया जाता है।

    इस तेल का नाम “कुमकुम” यानी केसर पर आधारित है — और यही इसका प्रमुख घटक भी है, जो त्वचा को निखारने और चमकदार बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

    कुमकुमादि तैलम के मुख्य घटक और उनके लाभ

    केसर (Crocus sativus)

    त्वचा को निखारता है

    रंगत को समान बनाता है

    दाग-धब्बों को हल्का करता है

    मंजिष्ठा (Rubia cordifolia)

    रक्त को शुद्ध करती है

    त्वचा की सूजन और पिंपल्स में लाभकारी

    चंदन (Santalum album)

    ठंडक पहुंचाता है

    त्वचा को मुलायम बनाता है

    हरिद्रा (हल्दी)

    एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी

    त्वचा को बैक्टीरिया से बचाता है

    तिल का तेल (Sesame Oil)

    त्वचा को गहराई से पोषण देता है

    ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है

    कुमकुमादि तैलम के प्रमुख फायदे

    त्वचा को प्राकृतिक चमक देना

    नियमित रूप से इस तेल का उपयोग चेहरे की खोई हुई रौनक वापस लाता है। यह स्किन सेल्स को रीजेनेरेट करता है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे त्वचा में नैचुरल ग्लो आता है।

    दाग-धब्बों और झाइयों को कम करना

    कुमकुमादि तैलम की एंटी-पिग्मेंटेशन प्रॉपर्टीज त्वचा पर मौजूद काले दाग, सन टैनिंग और मुहांसों के निशानों को हल्का करने में मदद करती हैं।

    झुर्रियों और फाइन लाइन्स से बचाव


    इसके एंटी-एजिंग गुण त्वचा की उम्र को थामे रखते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की झुर्रियों को कम करने में सहायक हैं।

    रूखी और बेजान त्वचा में नमी प्रदान करना


    यह तेल स्किन को डीप मॉइश्चराइज़ करता है, जिससे ड्राय और फ्लेकी स्किन की समस्या दूर होती है। नियमित प्रयोग से त्वचा कोमल और नरम बनती है।

    त्वचा की टोन को समान बनाना

    असमान रंगत यानी Uneven Skin Tone आज एक आम समस्या है। कुमकुमादि तैलम स्किन टोन को बैलेंस करता है और उसे निखारता है।

    कैसे करें कुमकुमादि तैलम का उपयोग?

    रात्रि में उपयोग करें (Night Routine):

    रात को सोने से पहले चेहरा अच्छे से धोकर साफ कर लें। फिर कुछ बूंदें कुमकुमादि तैलम की हथेलियों पर लेकर हल्के हाथों से चेहरे और गर्दन पर मालिश करें।

    चेहरे पर छोड़ें रात भर:

    यदि आपकी त्वचा तेलीय नहीं है, तो आप इसे रातभर के लिए चेहरे पर छोड़ सकते हैं। सुबह हल्के गुनगुने पानी से धो लें।

    मास्क के रूप में (ऑप्शनल):

    अगर आपकी त्वचा ऑयली है, तो 20-30 मिनट बाद चेहरे को किसी माइल्ड फेसवॉश से धो लें।

    किसे उपयोग करना चाहिए?

    जिनकी त्वचा पर दाग-धब्बे हैं

    रूखी और बेजान स्किन वाले लोग

    जो प्राकृतिक स्किनकेयर उत्पाद की तलाश में हैं

    आयुर्वेदिक और रासायन-मुक्त विकल्प चाहने वाले

    उपयोग में सावधानी

    संवेदनशील त्वचा वाले पहले पैच टेस्ट करें

    बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए डॉक्टर की सलाह लें

    अधिक मात्रा में न लगाएं, कुछ बूंदें ही पर्याप्त होती हैं

    निष्कर्ष

    कुमकुमादि तैलम सिर्फ एक फेस ऑयल नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण स्किनकेयर ट्रीटमेंट है, जिसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यदि आप अपनी त्वचा को रासायनिक उत्पादों से होने वाले नुकसान से बचाना चाहते हैं और उसे प्राकृतिक रूप से निखारना चाहते हैं, तो कुमकुमादि तैलम आपके लिए आदर्श विकल्प हो सकता है।

    तो देर किस बात की? अपनाइए प्राचीन आयुर्वेदिक जादू – और पाएं निखरी, स्वस्थ और चमकदार त्वचा।